कभी कोई आये विचार
तो लिख लिया करती हूँ |
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कहनी हो कोई तुमसे बात
तो लिख लिया करती हूँ |
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खो ना जाएँ जज़्बात कहीं
तो लिख लिया करती हूँ |
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ग़ज़ब की न भी हो बात
फिर भी लिख लिया करती हूँ |
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कौन जाने कब
फिर मिलना हो तुमसे,
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कह पाऊं सब मन की बात
तो लिख लिया करती हूँ |
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~ अंजना अशोक